PCOD की शिकार महिलाओं के लिए लाभकारी योगासन

PCOD की शिकार महिलाओं के लिए लाभकारी योगासन

सेहतराग टीम

महिलाओं में कई तरह की समस्या होती है। वो अक्सर किसी ना किसी समस्या को झेलती रहती हैं। कई बीमारी उन्हें रहती हैं। उन्हीं में एक है पीसीओडी। पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज में हॉर्मोन्स के कारण बच्चेदानी में सिस्ट यानी छोटी-छोटी गांठे हो जाती हैं। इन सिस्ट के कारण महिलाओं में बड़े स्तर पर हॉर्मोनल बदलाव होने लगते हैं। क्योंकि ये सिस्ट, पीरियड्स, प्रेग्नेंसी दोनों को डिस्टर्ब करती हैं। यहां जानें योग के माध्यम से इन्हें नियंत्रित रखने का तरीका...

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योग से संभव है पीसीओडी का इलाज

योग के माध्यम से भी पीसीओडी का इलाज संभव है। योग हमारे शरीर पर मानसिक, शारीरिक और सूक्ष्म रूप से प्रभाव डालता है। यह हमारे मेंटल टॉक्सिन्स और फिजिकल टॉक्सिन्स को दूर करने में मदद करता है। यहां कुछ ऐसे खास आसनों के बारे में बता रहे हैं, जो विशेष रूप से पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं को करने चाहिए।

ये आसन हैं पीसीओडी में प्रभावी (Best Yogasan For PCOD in Hindi):

उष्ट्रासन, बटर फ्लाई आसन, मार्जारी आसन यानी कैट पोज, चक्कीचाल आसन और सूर्य नमस्कार आसान इस बीमारी में बहुत अधिक लाभदायक है। अगर ये सभी आसन करना आपके लिए संभव ना हो तो आप उष्ट्रासन, बटर फ्लाई आसन और पद्मासन को अपनी डेली लाइफ का हिस्सा बना लें।

चक्कीचाल आसन (Chakki Chalanasana For PCOD in Hindi):

इस आसन को करना जितना अधिक आसान है उतना ही यह आसान पीसीओडी की समस्या से लड़ने में लाभकारी है। यह गर्भाश्य, अंडाशय, किडनी और पेट के निचले हिस्सी में स्थित मसल्स की मसाज करता है और उन्हें हेल्दी रखने में मदद करता है।

बटर फ्लाई आसन (Butter Fly Asana for PCOD in Hindi):

बटर फ्लाई आसन महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक आसन है। पीसीओडी से परेशान महिलाओं को यह आसन धीरे-धीरे करना चाहिए। लेकिन लंबे समय तक करना चाहिए।
बटर फ्लाई आसन करते समय महिलाओं को बीच-बीच में अपनी पोजिशन को कुछ देर के लिए होल्ड भी करना चाहिए। इससे बॉडी के लोअर पार्ट की नर्व्स मजबूत होती हैं।
प्यूबिक एरिया में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, हॉर्मोन्स का स्तर सही रखने में मदद मिलती है।

सूर्य नमस्कार के फायदे (Health Benefits Of Sury Namskaar in Hindi):

आमतौर पर सूर्य नमस्कार आसन मन की एकाग्रता बढ़ाने और वजन घटाने के लिए किया जाता है। लेकिन पीसीओडी से ग्रसित महिलाएं यदि धीमी गति से इस आसन को करेंगी तो उन्हें अपने प्यूबिक एरिया की मसल्स यूरिनरी ट्रैक्ट वेन्स और लोअर अबडॉमिन की मसल्स को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। यह मेन्सट्रुअल साइकिल को रेग्युलर करने में मददगार है।

खान-पान का भी रखना होता है पूरा ध्यान

  • पीसीओडी की समस्या हॉर्मोन्स से संबंधित है। इसलिए आपको अपनी लाइफस्टाइल को इस तरह मैनेज करना होगा कि हॉर्मोन्स का सीक्रेशन सही तरीके से हो सके।
  • आप अपनी डायट का ध्यान रखें और मौसम के अनुसार ही खान-पान अपनाएं।
  • प्रकृति के साथ जुड़ें। यानी वॉक, रनिंग करें और पार्क में टहलें। रोज एक्सर्साइज करें।
  • खूब पानी पिएं और अच्छी किताबें पढ़ें। इससे तन और मन दोनों को शांत रखने में मदद मिलती है।

 

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